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5 फरवरी को ही प्रधानमंत्री मोदी ने क्यों चुना कुंभ स्नान की तिथि, यहां जानिए इस तिथि पर क्या है खास…..

 

इंडियन महानायक न्यूज 24 समाचार नई दिल्ली

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 फरवरी को कुंभ में स्नान करने के लिए आ रहे हैं। इसकी सारी तैयारियां भी लगभग पूरी हो चुकी है। इसी दिन दिल्ली में चुनाव भी होना है। तो सवाल उठता है कि आखिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे प्रमुख शाही स्नान मौनी अमावस्या और दूसरे प्रमुख शाही स्नान बसंत पंचमी को छोड़कर 5 फरवरी का दिन ही कुंभ स्नान के लिए क्यों चुना है, या यूं भी कह लें कि, ईश्वर ने ऐसा क्या विधान रचा है कि, इन्हें 5 तारीख का ही दिन मिला है कुंभ स्नान करने के लिए। अगर आप इस दिन की खास बातों को जानेंगे तो इस बात की तारीफ किए बिना नहीं रह पाएंगे कि मोदी यूं ही नहीं स्मार्ट पीएम कहलाते हैं।

 

दरअसल 5 फरवरी को माघ मास की गुप्त नवरात्रि की अष्टमी तिथि है। धार्मिक दृष्टि से यह अत्यंत ही शुभ दिन माना गया है जिसमें तप, ध्यान और साधना करना बहुत ही पुण्यदायी माना गया है। साथ ही इस दिन भीष्माष्टमी भी है। धार्मिक कथाओं और मान्यताओं के अनुसार महाभारत युद्ध में बाणों की शैय्या पर लेटे हुए भीष्म ने सूर्यदेव के उत्तरायण होने की और शुक्ल पक्ष की प्रतीक्षा की थी। और जब यह शुभ और पुण्य तिथि माघ मास की अष्टमी तिथि आई तब भीष्म ने भगवान श्रीकृष्ण से सामने ही अपने प्राण को शरीर से अलग कर दिया जिससे इन्हें मोक्ष की प्राप्ति हई।

 

शास्त्रों में कहा गया है कि, माघ मास की अष्टमी तिथि के दिन पवित्र नदियों में स्नान करके जो व्यक्ति पितरों का ध्यान करता है और उनके नाम से जल, तिल, अक्षत और फल फूल अर्पित करते हुए तर्पण करता है उनके पितारों की सद्गति होती है और वह व्यक्ति भी मोक्ष प्राप्त करता है। इसलिए धार्मिक दृष्टि से माघ मास की अष्टमी तिथि को बहुत ही पुण्य फलदायी माना गया है।

 

 

 

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