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असम की खदान में डूबने से मरने वालों की संख्या 4 हुई, 3 और शव बरामद किए गए

 

इंडियन महानायक न्यूज 24 समाचार

असम : असम के दीमा हसाओ जिले में एक कोयला खदान में फंसे तीन और खनिकों के शव शनिवार को बचाव अभियान के दौरान बरामद हुए। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि अब तक चार शव बरामद किए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि पहला शव बुधवार को निकाला गया था। ये चार खनिक उन नौ खनिकों में शामिल थे, जो छह जनवरी को उमरंगसो स्थित खदान में अचानक पानी भर जाने के कारण फंस गए थे।

 

अधिकारी ने बताया, ‘‘बचाव अभियान आज फिर से शुरू किया गया और फंसे हुए खनिकों की तलाश के छठे दिन तीन शव बरामद किए गए। नेपाल के रहने वाले एक खनिक का शव आठ जनवरी को बरामद किया गया था।’’

 

उन्होंने बताया कि दिन में खदान से जिन तीन खनिकों के शव बरामद किए गए, उनकी पहचान दिमा हसाओ जिले के लिगेन मगर (27), कोकराझार जिले के खुशी मोहन राय (57) और सोनितपुर जिले के सरत गोयारी (37) के रूप में की गई है।

 

अधिकारी ने बताया कि दो दिन तक खदान से पानी निकालने के बाद शव पानी में तैरते हुए पाए गए। उन्होंने बताया कि सेना, नौसेना और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के गोताखोरों ने शवों को बाहर निकाला।

 

असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में शवों की बरामदगी के बारे में बताया। उन्होंने कहा, ‘‘उमरंगसो में बचाव अभियान जारी है… हमारी संवेदनाएं शोक संतप्त लोगों के साथ हैं।’’ मुख्यमंत्री ने दावा किया था कि यह खदान 12 वर्ष पहले बंद कर दी गई थी और तीन साल पहले तक यह असम खनिज विकास निगम के अधीन थी। शर्मा ने शुक्रवार रात को कहा था, ‘‘यह कोई अवैध खदान नहीं थी, बल्कि इसे बंद कर दिया गया था। उस दिन खनिक पहली बार कोयला निकालने के लिए खदान में उतरे थे।’’ उन्होंने बताया था कि खनिकों के मुखिया को गिरफ्तार कर लिया गया है और पुलिस मामले की जांच कर रही है।

 

इस घटना में दीमा हसाओ स्वायत्त परिषद के मुख्य कार्यकारी सदस्य (सीईएम) देबोलाल गोरलोसा के परिवार के सदस्य की कथित संलिप्तता पर मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘यह मानवीय त्रासदी है और हमें इसका राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए।’’

 

उमरंगसो जिले में सोमवार को कोयला खदान में अचानक पानी भर जाने से कुल नौ खनिक फंस गये थे।

 

इस बीच, कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने शनिवार को कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर खनन त्रासदी की एसआईटी से जांच कराये जाने की मांग की।

 

उन्होंने आरोप लगाया कि असम में ‘‘अवैध खनन बेरोकटोक जारी है’’। गोगोई ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि प्रस्तावित विशेष जांच दल (एसआईटी) को न केवल खदान के ‘‘अवैध’’ संचालन की जांच करनी चाहिए और इस त्रासदी के लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान करनी चाहिए, बल्कि व्यापक मुद्दों पर भी ध्यान देना चाहिए

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