छत्तीसगढ़

सरकारी बजट में स्वरोजगार फण्ड पर बेरोजगार युवावों-युवतियों की जाँच पड़ताल शुरू

 

इंडियन महानायक न्यूज 24 कोरवा (कोरबा) समाचार छत्तीसगढ़

वृहस्पतिवार, 9 जनवरी 2025, आदिवासी शक्ति पीठ, बुधवारी बाजार कोरबा में 250 लोगों से ज्यादा महिला-पुरुष एकत्र होकर सरकारी बजट में स्वरोजगार के लिए आबंटित बजट को हासिल करने की सामूहिक योजना बनाया। यह कार्यक्रम बजट वर्किंग कमिटी कोरबा द्वरा आयोजित की गयी जिसमें आरसेटी के सदस्यों ने अहम् भूमिका निभाया। इसमें मुख्या वक्ता उमेश बाबू, संस्थापक सदस्य बजट वर्किंग कमिटी, दिल्ली से लोगों को संबोधित करते हुए बताया कि स्वरोजगार के लिए छोटे-छोटे बिज़नस करने लिए युवावों और युवतियों को सरकार ने पर्याप्त योजनायें, बजट और व्यवस्था बनाया है लेकिन सरकारी उदासीनता के कारण यह बजट खर्च नहीं हो पाता। इस लापरवाही से न तो सरकार का हो फायदा है और न ही जनता का, सबके अंदर भारी असंतोष होता है। सरकारी अधिकारी तो बात सुन भी लेते हैं लेकिन बैंक अधिकारी लोगों एक लाख रूपये के लोन के लिए लोगों को दौड़ा-दौड़कर उनके चप्पल घिसवा देते हैं। लोगों की इस समस्या का समाधान करने के लिए बजट वर्किंग कमिटी ने सरकारी कर्मचारियों और बैंक कर्मचारियों को सवेदनशील बनाने में काफी हद तक सफल रही है; जिसका परिणाम यह है कि पिछले 2 सालों में 150 से ज्यादा लोगों को छोटे-छोटे लोन दिलवाया और आज वे सभी अपना स्वरोजगार कर रहे हैं।

 

जिला उद्योग अधिकारी व्यस्तता के कारण नहीं आ पाए लेकिन उन्होंने अपना संदेश भेजा और कार्यक्रम के सफलता के लिए बधाई दिया। आरसेटी के डायरेक्टर श्री गणेश उरांव ने अपनी योजनाओं, विशेष तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को 64 तरह की मुफ्त ट्रेनिंग के बारे में बताया। उन्होंने सबसे निवेदन किया कि गांव से अधिक से अधिक लड़कों को भेजें क्योंकि ट्रेनिंग में लड़कों की संख्या बहुत कम है। स्वरोजगार के लिए ट्रेनिंग, सरकारी सहयोग और बैंक का सहयोग जरुरी है। सबके समन्वय से ही समाज और देश का विकास संभव है।

 

कार्यक्रम में बजट वर्किंग कमिटी के अन्य संस्थापक सदस्य रूप कुर्रे, पुष्पा कवंर, नरेश खूंटे (DRP) के आलावा अनेकों कर्मठ सदस्य पनमेश्वरी, बी.एम. ध्रुवे, निर्मल राज, सुरंजना बिस्वाल, गौतम, अहमद खान, उपेन्द्र राठौर, संत राम, देव टंडन, प्रकाश जांगडे, अनिल नामदेव, हीना महंत (बैंक मित्र), ज्योति श्रीवास (बैंक मित्र), पुष्पा श्रीवास, आदि ने जिले के हर कोने से लोगों को जोड़ने में महतवपूर्ण भूमिका निभाया ।

 

सभी सहभागियों ने एक स्वर में कहा कि वे प्रत्येक गांव में अधिक से अधिक लोगों को जोड़ेगें ताकि गरीबी दूर हो। बजट वर्किंग कमिटी जिले के अधिकारीयों और बैंक कर्मचारियों को सवेदनशील बनाने का काम करेगी ताकि वे लोग गरीब जनता के लिए भी काम कर सकें।

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