
इंडियन महानायक न्यूज 24 समाचार छत्तीसगढ़ रायपुर
रायपुर। नगरी निकाय चुनाव संपन्न हो गए हैं. रायपुर में भाजपा की मीनल चौबे रायपुर नगर निगम की महापौर बन गई है. अब रायपुर नगर निगम के सभापति की कुर्सी पर सब की निगाहें हैं. सभापति कौन बनेगा. पार्टी किन नामों को प्राथमिकता दे सकती है और इसकी क्या वजह है. एमआईसी में कौन शामिल होगा. क्योंकि 70 वार्ड में से 60 पर भाजपा की जीत हुई है. ऐसे में सभी पार्षदों को संतुष्ट करना भाजपा के लिए बड़ी चुनौती हो सकती है. हालांकि राजनीति के जानकार एवं वरिष्ठ पत्रकार अनिरुद्ध दुबे इसे चुनौती नहीं मान रहे हैं. अनिरुद्ध दुबे का कहना है कि चुनौती तब होती जब ज्यादातर पुराने पार्षद जीतकर आए होते लेकिन पुराने पार्षद इस बार चुनाव मैदान में कम थे. जो पुराने पार्षद जीतकर आये है वह सभापति या फिर जोन अध्यक्ष की दौड़ में शामिल होंगे. वही इस बार ज्यादातर पार्षद पहली बार जीत कर आए हैं. ऐसे में एमआईसी में कुछ पुराने और ज्यादातर नए पार्षदों को जगह दी जाएगी. इसलिए इसमें कोई ज्यादा परेशानी नहीं आएगी.
इस दौरान कई बिंदुओं का भी ख्याल रखा जाएगा. जातिगत समीकरण साधने की कोशिश की जाएगी. साथ ही इस पूरी कवायत में महापौर मीनल चौबे का सुझाव और बातें मायने रखेगी. उनके हिसाब से ही पार्टी निर्णय लेगी, क्योंकि मीनल चौबे पहले पार्षद रह चुकी है फिर नेता प्रतिपक्ष, उन्हें लंबा अनुभव है.
सभापति की दौड़ में ये तीन नाम है प्रमुख: रायपुर नगर निगम का कौन सभापति बनेगा, उसे लेकर अनिरुद्ध दुबे का कहना है कि यह भाजपा तय करेगी कि किसे रायपुर नगर निगम का सभापति बनाया जाए. लेकिन इस दौड़ में कौन शामिल है, इसका अनुमान लगाया जा सकता है. इस बार रायपुर नगर निगम में हुए 70 पार्षदों के चुनाव में 60 पर भाजपा जीती है. वही 7 पर कांग्रेस और तीन पर निर्दलीयों ने जीत हासिल की है. इन 60 पार्षदों में से तीन ऐसे प्रमुख नाम है जो सभापति की दौड़ में शामिल हैं. उसमें पहला सूर्यकांत राठौर, दूसरा मनोज वर्मा और सरिता दुबे प्रमुख है.
सूर्यकांत राठौर सभापति की दौड़ में है अव्वल: अनिरुद्ध दुबे ने कहा कि सूर्यकांत राठौर का नाम सभापति की दौड़ में सबसे ऊपर है, उसकी वजह है कि वह 5 बार पार्षद रह चुके हैं, रायपुर नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष भी रहे हैं, एक कार्यकाल में मेयर काउंसिल के सदस्य भी रहे हैं. उनकी आक्रामक शैली राजनीति में जानी जाती है और उन पर किसी विशेष गुट का ठप्पा नहीं लगा है, इसलिए भी सूर्यकांत राठौर इस पद के सबसे प्रबल दावेदार हैं.