दिनेश आजाद के कलम से कविता के रूप में ओबीसी एससी एसटी अल्पसंख्यक समुदाय को एकीकरण का संदेश
शौर्य और पराक्रम की कहानी हूँ मै
सन् 1818 भीम कोरेगांव क्रांति हूँ मैं
छत्तीसगढ़ के धरती से उपजी क्रांति का आगाज हूँ मै
क्रांतिकारी जननायक गुरु घासीदास की निशानी हूं मैं
मानव मानव को एक समान बनाने के लिए सतनाम आंदोलन की क्रांति हूँ मै
आओ मेरे साथ चलो शिक्षक का अलख जगाने वाले
ज्योतिबा फुले मां सावित्रीबाई फुले और मां फातिमा शेख की दर्द भरी कहानी मैं
1848 में शिक्षा के लिए क्रांति की निशानी हूँ मैं
अपने समाज के अधिकार के लिए छत्रपति शाहूजी और बलिदानी राजा और बलिदानी राजा गुरु बालक दास का उठाया हुआ हथियार हूँ मैं
हा मैं अपने गुरुओं और महापुरुषों का एक मजबूत विचार हूँ मैं
जल जंगल जमीन के लिए 1889 1910 में उठी बिरसा बीर गुंडा ध्रुव का उठाया हुआ तीर कमान हुं मैं
बाबा साहब डॉक्टर अंबेडकर की कलम का धार हूँ मैं
सामाजिक एकीकरण हेतु संविधान में लिखे मौलिक अधिकार हूँ मैं
मान्यवर साहब काशीराम का कठोर प्रतिज्ञा का प्रतिफल हूँ मैं
सोए हुए समाज को जगाने की निशानी हूँ मैं
सन 1818 से अब तक समता स्वतंत्रता भाईचारा बंधुत्व के लिए लड़े जाने वाली बस एक क्रांति हूँ मैं
बहुजनों की शौर्य और पराक्रम की निशानी हूँ मैं
इस नए युग परिवर्तन की क्रांति हूँ मैं न मिटने वाले महापुरुषों की अमर कहानी हूँ मैं
आओ मेरे साथ चलो इस नए युग परिवर्तन की निशानी हूँ मैं
सभी महापुरुषों के सपनों का भारत का बनाने के लिए संघर्ष करता हुआ निशानी हूँ मैं