भूमि अधिग्रहण का विरोध, आक्रोशित ग्रामीणों ने राजस्व अमले को घेरा

इंडियन महानायक न्यूज़ 24 ललित महिलांगे की रिपोर्ट भटगांव सूरजपुर प्रतापपुर
एसईसीएल भटगांव क्षेत्र अंतर्गत महान-4 परियोजना के लिए किये जा रहे भूमि अधिग्रहण ने सोमवार को उस समय उग्र रूप ले लिया जब ग्राम मदननगर में सीमांकन के लिए पहुंचे अधिकारियों को आक्रोशित ग्रामीणों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा ।
ग्रामीणों ने न सिर्फ अधिकारियों को घेर लिया बल्कि राजस्व कर्मचारियों को मौके से दौड़ा भी दिया इससे स्थिति तनावपूर्ण बन गई वहीं प्रशासन ग्रामीणों को शांत करने की कोशिशों में जुटा हुआ है जानकारी के अनुसार एसईसीएल की महान-4 परियोजना के तहत भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया प्रारंभ की गई है इसी सिलसिले में एसईसीएल के अधिकारी एसडीएम तहसीलदार और राजस्व विभाग की टीम भारी पुलिस बल के साथ सोमवार सुबह मदननगर पहुंचे थे अधिकारियों का उद्देश्य गांव में सीमांकन की प्रक्रिया को पूरा करना था लेकिन वहां पहले से एकत्रित ग्रामीणों ने उन्हें घेर लिया और जमकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों का आरोप है कि उन्हें अधिग्रहण की कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई ।
ना ही ग्रामसभा की सहमति की कोई जानकारी हमें मिली है और ना ही मुआवजा और नौकरी की कोई स्पष्ट जानकारी दी गई है ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन और कंपनी की मिलीभगत से जबरन जमीन छिनने की कोशिश की जा रही है जिसे वे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं करेंगे स्थिति उस वक्त और गंभीर हो गई जब कुछ आक्रोशित ग्रामीणों ने आरआई और पटवारी को दौड़ा दिया पुलिस बल ने किसी तरह स्थिति को संभाल और अधिकारियों को सुरक्षित बाहर निकाला मौके पर अफरा-तफरी का माहौल रहा और कई बार ऐसा लगा कि स्थिति पूरी तरह बेकाबू हो सकती है हालांकि पुलिस बल की तत्परता से किसी प्रकार की बड़ी अनहोनी टल गई एसडीएम और तहसीलदार ने ग्रामीणों से बात कर समझाइश देने की कोशिश की लेकिन प्रदर्शनकारी अपनी मांगों पर अड़े रहे ।
ग्रामीणों ने दो टूक कहा कि जब तक उनकी शर्तें पूरी नहीं होती और पारदर्शी तरीके से अधिग्रहण नहीं होता वे किसी भी प्रशासनिक कार्यवाही को गांव में सफल नहीं होने देंगे फिलहाल मदन नगर में तनावपूर्ण शांति बनी हुई है प्रशासन ने अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया है ताकि स्थिति नियंत्रण में रहे वरिष्ठ अधिकारी मौके पर डटे हुए हैं और पूरे घटनाक्रम की निगरानी की जा रही है इस बीच गांव के लोग आने वाले दिनों में आंदोलन को और व्यापक रूप देने की तैयारी में है यह घटनाक्रम न केवल प्रशासन और ग्रामीणों के बीच महराते अंधविश्वास के उजागर करता है बल्कि यह भी दर्शाता है कि यदि भूमि अधिग्रहण जैसी संवेदनशील विषयों पर पारदर्शिता और संवाद नहीं रखा गया ।
ग्रामीणों की मांगे:-
01 ग्राम सभा की सहमति के बिना कोई भी भूमि अधिग्रहण अमान्य माना जाए ।
02 भूमि अधिग्रहण की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से की जाए ।
03 प्रभावित परिवारों को उचित एवं समयबद्ध मुआवजा और नौकरी प्रदान किया जाए ।
04 पुनर्वास एवं रोजगार की ठोस गांरटी दी जाए ।