सड़क पर उगी फसलें, राजनीति की उपज – कब मिलेगा मोहला को असली विकास?
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भारतीय महानायक न्यूज ब्यूरो/मोहल्ला/2 अगस्त 2025
मोहला की सड़कों पर धान की हरियाली देखकर कोई सोच सकता है कि यहां खेती-बाड़ी हो रही है, लेकिन असलियत में कहीं ज्यादा कड़वी और शर्मनाक है। ये धान खेत की नहीं, सरकार की नाकामी की विफलता है – जो जनता की मजबूरी है, जो नेताओं की संवेदनहीनता और प्रशासन की निष्क्रियता से है।
1 अगस्त 2025 को कांग्रेस ने मोहला की खस्ताहाल पर धान रोपकर विरोध प्रदर्शन किया। ये वही सड़क है जहां 7 अगस्त 2023 को बीजेपी नेताओं ने नामांकन में धान रोपा था, और 20 जुलाई 2023 को युवा मोर्चा ने समर्थकों में पकड़ कर सुरखियां बटोरी थीं।
लेकिन सत्य मिले ही भाजपा का वो जोश, वो जुनून, और वो मूर्ति से ‘विकास-विरोध’ अचानक गम हो गया। हालात ऐसे हैं, हालात और भी बुरे हो गए – बस चेहरे बदल गए, सत्ता की कुर्सी बदल गई, जनता की हालत जस की तस है।
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अब कांग्रेस विरोध कर रही है, ठीक है वही विचारधारा जिसमें भाजपा पहले करती थी। प्रश्न यह नहीं कि कौन सी समानता हो रही है – प्रश्न यह है कि हर बार बाजारों पर धान क्यों जा रहा है, निर्माण और उत्खनन क्यों नहीं हो रहा है?
सत्य में कौन सी राजनीतिक पार्टियाँ आती हैं आपकी याददाश्त खोज़ हैं? सूची में रहते हैं जिन लॉज को लेकर स्ट्रीट्स पर उतरते हैं, सत्ता में आते हैं वही मुद्दे उन्हें ‘सहज’ और ‘सामान्य’ जोड़ते हैं।
मछलीपालन राज्य प्रचार 24 की मांग भाजपा युवा मोर्चा पर
तो क्या अब जनता को सिर्फ प्रदर्शन देखना की आदत डालनी चाहिए?
क्या विकास अब नारियों और विरोधों के पोस्टरों में ही मिलेगा?
PWD विभाग आज तक न तो सही से भर सका, न पानी विक्रेताओं की स्थाई व्यवस्था क्यों कर सका?
बारिश में सड़कें नाली बन जाती हैं, मोहला की सड़कों के किनारे और पत्थरों के खंडहर में बदल जाते हैं – लेकिन जिम्मेदार महज बयान जारी करबद्धता की इतिश्री कर लेते हैं।
अब प्रदर्शन नहीं, समाधान करना चाहिए।
जनता अब पोस्टर, रैली और धान समानता नहीं देखती है – वह देखती है रोड गरीब, गरीबेज सिस्टम, कांक्रीट की मजबूत सड़कें, और अधिकारियों की जिम्मेदारियां।
अगर अब भी नेता नहीं जागे, तो वो दिन दूर नहीं जब जनता कहेगी –
“धान तो बहुत रस्सी के लिए, अब सड़क कब बनाओगे?”
क्योंकि उगने वाली धान सरकार की विफलता का सबसे बड़ा तमाचा है – और जनता की गंभीरता की अंतिम चेतावनी।
सोसाठ राजनांदगांव से मोहला होते हुए मानपुर स्टेट 24 की क्रिएटिविटी विष्णु देव साय सरकार ने पहल दी है, अभी छह महीने में ही काम शुरू हो गया है। तब तक इलेक्ट्रॉन इलेक्ट्रॉन की व्यवस्था करने की आवश्यकता है।
पूर्व दिसंबर माह में भी मोहला की सड़क पर पैच वर्कशॉप और डामरीकरण हुआ था। जो कि बारिश में खो गया है। क्या जिम्मेदार विभाग के साथ डामरीकरण करवा सकता था। या सड़क जो नली में परतें हो जाती है उसका मुख्य कारण क्या है? क्या वर्षा से पूर्व औपचारिकता की तैयारी नहीं की जा सकती थी, क्या समयबद्धता की तैयारी नहीं की जा सकती थी। या फिर वित्तिय संकट गहराया है।
आज पीडब्ल्यूडी विभाग मोहला की सड़क पर वसूली करने की जगह पर लगी है।
पी डब्ल्यू डी ई ई सीजन खरे ने बताया कि मोहला की सड़क के किनारे नाली नहीं होने की वजह से सड़क खराब हो गई है। अभी भी पानी के बर्तनों की गैलरी बनाई जा रही है, इसके बाद डब्ल्यू बी एम को डाल कर पैच वर्कशॉप का काम किया जाएगा। वह छुरिया मंदिर से शीतला मंदिर तक फोर लेन पर कब्जा करता है, जिससे शहर के अंदर की ओर अतिक्रमण की सुविधा हो सके यह कार्य राजनंदगांव से मानपुर तक होने वाली सड़क पर अतिक्रमण के साथ होगा।