छत्तीसगढ़

महाशिवरात्रि पर नागा साधुओं सहित साधु संतों ने निकाली शोभायात्रा, पर्व स्नान करने उमड़ी संतों की भीड़…

 

इंडियन महानायक न्यूज 24 समाचार छत्तीसगढ़ राजिम

राजिम। राजिम कुंभ कल्प मेला के अंतिम दिवस महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर नागा बाबाओं, साधु-संतों, विभिन्न अखाड़ों ने शाही स्नान के लिए ऐतिहासिक शोभायात्रा संत समागम स्थल परिसर से सुबह 7 बजे निकाली। इस शोभा यात्रा में समस्त नागा, साधु-संतों के साथ केन्द्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू, उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, राजिम विधायक रोहित साहू सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि व विभिन्न विभागों के अधिकारी भी शामिल हुए। शोभायात्रा में सुसज्जित पालकियों शाही बग्गी, घोड़ों में विभिन्न साधु-संत सवार थे।

शोभायात्रा संत समागम स्थल से शुभारंभ होकर श्री कुलेश्वरनाथ महादेव मंदिर के पीछे मार्ग से नेहरू बाल उद्यान होते हुए, राजिम पुल, पं. सुंदरलाल शर्मा चौक, गौरवपथ राजिम, व्हीआईपी मार्ग होते हुए मेला में बने शाही कुंड में पहुंचे। शोभायात्रा का स्वागत दोनों शहर नवापारा और राजिम में विभिन्न चौक चौराहों में फूल बरसा कर किया गया। शोभायात्रा में विभिन्न चौक में अनेकों अस्त्र-शस्त्रों से लैस नागा बाबाओं, साधु-संतों ने शौर्य प्रदर्शन करते हुए अखाडा चलाते रहे। नागा साधुओं के तलवार और फरसा भांजते खुशी से नाचते देखकर मेले में आए अंचलवासी भी रोमांचित हो उठे। धीरे-धीरे आगे बढ़ते हुए शोभायात्रा शाही कुंड के पास पहुंची। यहां नागा साधुओं ने विधि विधान के साथ शस्त्र पूजन पश्चात कुंड में छलांग लगाई।

नागा बाबाओं के साथ केन्द्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू, उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, राजिम विधायक रोहित साहू, संजय श्रीवास्तव, राजिम नगर पंचायत के नवनिर्वाचित अध्यक्ष महेश यादव भी कुंड में डुबकी लगाने के लिए उतर गए। शाही स्नान करने विभिन्न अखाड़ों के साथ स्थानीय जनप्रतिनिधि भी शामिल हुए। इस विहंगम दृष्य को देखने मेला क्षेत्र के अलावा कुंड के पास बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं एवं दर्शनार्थियों की भीड़ उमड़ी हुई थी। शाही स्नान पश्चात डिप्टी सीएम विजय शर्मा, केन्द्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू, विधायक रोहित साहू पैदल भगवान कुलेश्वर नाथ महादेव मंदिर पहुंचे। जहां भोलेनाथ की पूजा अर्चना कर प्रदेश की सुख समृद्धि और खुशहाली की कामना की।

शाही यात्रा की भव्यता का आनंद लेने विदेशी पर्यटक भी शामिल हुए। सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस की चाकचौबंध व्यवस्था थी। इस शाही यात्रा में सबसे पहले श्री पंच दशनामी सन्याशी अखाड़ा के नागा साधु, अखिल भारतीय पंच रामानंदी वैष्णव अखाड़ा के तीनों अनी श्रीपंच निर्मोही अनि अखाड़ा, श्रीपंच निर्मोही दिगम्बर अखाड़ा, श्रीपंच निर्मोही निर्वाण, पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के अलावा रामदास अखाड़ा, रविदास अखाड़ा, भैरवी शक्ति, हरिद्वार मंडली, करीब पंथ, सतनाम पंथ के संतों एवं उनके अनुयायियों ने भाग लिया।

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