कोरवा (कोरबा)छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ महिला संगठन (एन एफ आई डब्लू )जिला कोरबा एवं सीपीआई द्वारा सीएचबी चौक अशोक वाटिका में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस शाम 4:00 बजे से मनाया गया

 

इंडियन महानायक न्यूज 24 समाचार छत्तीसगढ़ कोरवा (कोरबा)

छत्तीसगढ़ महिला संगठन (एन एफ आई डब्लू )जिला कोरबा एवं सीपीआई द्वारा सीएचबी चौक अशोक वाटिका में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस शाम 4:00 बजे से मनाया गया जिसकी अध्यक्षता 90 वर्षीय वरिष्ठ कामरेड आसमती यादव द्वारा किया गया तत्पश्चात वरिष्ठ महिला एवं मुख्य अतिथि का पुष्प गुच्छ भेंट कर सम्मानित किया गया सर्वप्रथम छत्तीसगढ़ महिला संगठन (एन एफ आई डब्लू) जिला कोरबा के अध्यक्ष कामरेड मीना यादव ने कहा कि आज का दिन हमें यह प्रेरणा देता है कि जब महिलाएं सशक्त होती हैं, तब राष्ट्र भी सशक्त होता है। आइए, हम सब मिलकर एक ऐसा समाज बनाएं जहाँ हर महिला को अपनी क्षमता के अनुसार उड़ान भरने का पूरा अवसर मिले, और वह अपने सपनों को साकार कर सके।” छत्तीसगढ़ महिला संगठन एन एफ आई डब्लू के जिला सचिव का. हेमा चौहान ने कहा कि

*हर वर्ष 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन होता है. लेकिन यह क्यों मनाया जाता है? और कब इसकी शुरुआत हुई?* सभी बहनों को जानना जरूरी है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन एक श्रम आंदोलन था, इस आयोजन की शुरुआत का बीज 1908 में तब पड़ा, जब न्यूयॉर्क शहर में 15 हज़ार महिलाओं ने काम के घंटे कम करने, बेहतर वेतन और वोट देने की माँग के साथ विरोध प्रदर्शन निकाला था.

इसके एक साल बाद अमेरिकी सोशलिस्ट पार्टी ने पहली बार राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की शुरुआत की लेकिन इस दिन को अंतरराष्ट्रीय बनाने का विचार क्लारा जेटकिन नाम की महिला के दिमाग़ में आया था. उन्होंने अपना ये आइडिया 1910 में कॉपेनहेगन में आयोजित इंटरनेशनल कांफ्रेंस ऑफ़ वर्किंग वीमेन में दिया था.

 

इस कांफ्रेंस में 17 देशों की 100 महिला प्रतिनिधि हिस्सा ले रही थीं, इन सबने क्लारा के सुझाव का स्वागत किया था. इसके बाद अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पहली बार 1911 में ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी, स्विट्जरलैंड में मनाया गया इसका शताब्दी आयोजन 2011 में मनाया गया था, इस लिहाज़ से 2025 हम लोग 114 वां अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मना रहे हैं

मेहनतकश भाइयों बहनों महिलाओं पर खास तौर से शोषित पीड़ित वर्ग की महिलाओं पर लगातार अत्याचार बढ़ता जा रहा है। शोषक वर्ग के लोगों ने महिलाओं का उपभोग की वस्तु बना दिया है। शोषक वर्ग ने एक ऐसा माहौल बना रखा है की हर जगह महिलाओं पर खतरा न सिर्फ बना हुआ है बल्कि बढ़ता जा रहा है। ऑफिसों, बाजरो, दुकानों, स्कूलों , अस्पतालो, कारखानों, रेलो ,सड़कों, हवाई जहाजों ,कहीं भी महिलाएं सुरक्षित नहीं है मौजूदा सरकार एक तरफ महिला सशक्तिकरण का नारा लगा रही है दूसरी तरफ मिशन क्लीन सिटी (सफाई मित्र) आंगनवाड़ी, आशा कर्मी, स्कीम वर्कर्स के तौर पर कार्यरत महिलाओं के श्रम का जबरदस्त शोषण कर रही है।

छत्तीसगढ़ महिला संगठन एन एफ आई डब्लू के सहायक सचिव कामरेड विजय लक्ष्मी चौहान ने कहा किआज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर, हम सभी को यह याद दिलाने की आवश्यकता है कि महिला सशक्तिकरण केवल एक सामाजिक और सांस्कृतिक आवश्यकता नहीं, बल्कि यह हमारे राष्ट्र की प्रगति और समृद्धि की कुंजी है। हमारे समाज में महिलाओं की भूमिका अनमोल है, और उनके अधिकारों का संरक्षण एवं सम्मान करना हम सभी की जिम्मेदारी है।

मुख्य अतिथि जिलाध्यक्ष छ.ग.आगनबाडी कार्यकर्ता सहायिका संघ प.क्र.409 जिला कोरबा के अध्यक्ष सम्मानित साथी वीना देवी साहू ने सबको एक जुट होकर संघर्ष करने का संदेश देते हुए गीत गा कर एवं जोशीले नारे के साथ अपनी बात को समाप्त किया।

भाकपा के जिला सचिव पवन कुमार वर्मा ने कहा कि आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के इस पावन अवसर पर,आज हमें यह संकल्प लेना होगा कि हम महिलाओं के लिए एक सुरक्षित, समान और सम्मानजनक वातावरण तैयार करेंगे। नारीशक्ति के उत्थान के लिए शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य, और राजनीतिक सशक्तिकरण के क्षेत्र में ठोस कदम उठाने होंगे। और शोषण, दमन अत्याचार के खिलाफ आवाज को बुलंद करेंगे।

इस अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर संगोष्ठी में उपस्थित भुवनेश्वरी चौहान, भारतीय खुटे, पल्लवी साहू, देवकी, नीलू, सुनीता साहू, रीमा तिवारी, उषा वर्मा, फुलेश्वरी बाई साहू, परमेश्वरी चौहान अश्वनी चौहान, कौशल्या बेहरा, राधा महंत, मुन्नी देवी, समता बेगम, अनीता बेग, अराधना, साधना, जागर भाई चौहान, रूपा चौहान, सरिता चौहान, राधिका यादव, प्रिया सिंह, देवकी, धीलवंदी, निर्मला, रीना, अनीता सोनी, हीरा मरकाम, उषा पटेल आदि सैकड़ो साथी उपस्थित रही।

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