कोरवा (कोरबा)

बारिश के मौसम में बढ़ गया सर्पदंश का खतरा: कोरबा प्रशासन ने जारी की चेतावनी

 

इंडियन महानायक न्यूज 24 समाचार छत्तीसगढ़ कोरवा (कोरबा)

छत्तीसगढ़ के कोरवा (कोरबा)जिले में मानसूनी बारिश के साथ ही सर्पदंश की घटनाओं में वृद्धि हो रही है। जिला प्रशासन ने नागरिकों को सचेत करते हुए झाड़-फूक के भरोसे न रहकर तुरंत अस्पताल पहुंचने की सलाह दी है।

मानसून में क्यों बढ़ता है सांपों का खतरा

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एस.एन. केशरी ने बताया कि कोरबा जिला वनांचल क्षेत्र होने के कारण बारिश के मौसम में वातावरण में बढ़ती नमी और उमस के कारण सांप-बिच्छू अपने बिलों से बाहर निकलते हैं। वर्षा के पानी से जब उनके प्राकृतिक आवास भर जाते हैं, तो ये जहरीले कीट भोजन और सुरक्षित स्थान की तलाश में घरों में घुस जाते हैं।

झाड़-फूक की बजाय करें तुरंत इलाज

डॉ. केशरी ने स्पष्ट किया कि झाड़-फूक से किसी भी सर्पदंश पीड़ित की जान नहीं बचाई जा सकती। ग्रामीण क्षेत्रों में अंधविश्वास के कारण लोग बैगा-गुनिया के पास जाकर कीमती समय गंवाते हैं, जिससे मरीज मरणासन्न स्थिति में अस्पताल पहुंचता है और चिकित्सक भी जीवन बचाने में असफल हो जाते हैं।

सर्पदंश से बचाव के उपाय

स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार:

रोकथाम के उपाय:

– घर से बाहर जाते समय टॉर्च और जूते अवश्य पहनें

– घरों में उचित प्रकाश व्यवस्था बनाए रखें

– कूड़े-करकट का ढेर न लगाएं

– शयन कक्ष में अनाज या भोजन सामग्री न रखें

सर्पदंश के बाद क्या करें:

– घबराएं नहीं, क्योंकि हृदय गति बढ़ने से विष तेजी से फैलता है

– दंश स्थल के ऊपरी हिस्से को कपड़े या रस्सी से न बांधें

– प्रभावित अंग को हिलाएं-डुलाएं नहीं

– काटने की जगह के आसपास चीरा न लगाएं

निःशुल्क उपचार की सुविधा

जिला चिकित्सालय सहित सभी विकासखंड मुख्यालयों के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में सर्पदंश के निःशुल्क इलाज हेतु पर्याप्त मात्रा में एंटी स्नेक वेनम दवाइयां उपलब्ध हैं। सांप के काटने का एकमात्र प्रभावी इलाज अस्पताल में दिया जाने वाला एंटीवेनम ही है।

प्रशासन की अपील

कलेक्टर अजीत वसंत और मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एस.एन. केशरी ने जिले के सभी नागरिकों से आग्रह किया है कि सर्पदंश के मामले में तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क करें। आपातकालीन स्थिति में क्षेत्रीय आर.एच.ओ. या मितानिन से संपर्क कर पीड़ित को तत्काल अस्पताल पहुंचाएं।

सर्पदंश की स्थिति में याद रखें – समय ही जीवन है। झाड़-फूक में समय बर्बाद न करें, तुरंत अस्पताल पहुंचें।

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